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- निम्नांकित के सम्बन्ध में साईट-ले-आऊट व विनिर्माण नक्शों का संवीक्षण तथा मंजूरी
- विस्फोटक विनिर्माण कारखाना
- विस्फोटक भंडार परिसर
- बल्क मिक्सींग तथा डिलीवरी वाहन द्वारा साईट पर विस्फोटक का उत्पादन (बी.एम.डी.)
- आतिशबाजी का आम प्रदर्शन
- गैस से भरे सिलेण्डरों के लिये भण्डार शेड
- गैस सिलेण्डरों के लिये भरण प्लांट
- अज्वलनशील दाबपात्रों में संपीडीत गैस भरण प्लांट
- पेट्रोलियम भंडार प्रतिष्ठापन, भंडार शेड तथा सर्विस स्टेशन
- कॅलशियम कार्बाईड का भंडार परिसर
- विस्फोटक वाहन, दाबपात्रों में संपीडीत गैस के परिवहन के लिये वाहन पेट्रोलियम, टेंक लारी की डिजाईन व रचना की संवीक्षा तथा उनका अनुमोदन ।
- उपरोक्त संदर्भित (i) तथा (ii) के अंतर्गत परिसरों/ईकाईयों/वाहनों इत्यादी का अनुज्ञप्ति से सम्बन्धित कार्य ।
- पेट्रोलियम परिष्करण शालाओं, पेट्रोरासायनिक ईकाईयों, कॅलशियम कार्बाइड कारखानों तथा एसीटिलीन गैस उत्पादन ईकाइयों इत्यादी के ले-आऊट की संवीक्षा और उनका अनुमोदन ।
- अज्वलनशील दाबपात्राें और उनकी फिटींग की डिजाइनों की संवीक्षा और उनका अनुमोदन ।
- भारत में निर्मित और आयातित गैस सिलेण्डर और उनमें लगे वॉल्वो को देश में प्रयोग के लिए अधिकृत करने से पूर्व टाईप स्वीकृति प्रदान करना ।
- अज्वलनशील, आंतरिक रूप से सुरक्षित और संकटपूर्ण स्थानों के लिए उपयोगी विशेष विद्युत उपकरणों की संवीक्षा तथा अनुमोदन ।
- दाबपात्र और उनकी फिटिंग, गैस वॉल्व और एल.पी.जी. रेग्युलेटर का निर्माण करनेवाले कारखानों की स्वीकृति ।
- नियमित समय पर सिलेण्डरों की जांच तथा परीक्षण के लिये परीक्षण केन्द्रों का अनुमोदन ।
- विभिन्न नियमों के अंतर्गत सक्षम व्यक्तिओं एवं निरीक्षकों को मान्यता ।
- उपरोक्त ईकाइयों की नियमित जाँच ।
- खराब, दावा न किये हुए/जब्तशुदा विस्फोटकों का विनाश ।
- समुद्र में प्रवेश करनेवाले पात्रों में पेट्रोलियम टँकों में हॉट वर्क, व्यक्ति प्रवेश तथा डॉक में इन पात्रों के प्रवेश होने से पूर्व इनके लिए गैस रहित प्रमाण पत्र देने के लिए पात्रों का परीक्षण करना ।
- विभाग द्वारा संचलित अधिनियम और नियमों के क्षेत्र में हुई दुर्घटनाओं की तकनीकी जाँच करना ।
- पर्याप्त परीक्षण और जाँच के बाद नये विस्फोटकों को अधिकृत करना ।
- विस्फोटकों के आयात, निर्यात परिवहन के लिए अनुज्ञप्ति देना ।
- बाहर से आयात किये हुए और भारत में निर्मित सभी गैस सिलेण्डरों की भराई तथा उपयोग के लिए अनुमति देना ।
- गैस सिलेण्डरों के आयात के लिए अनुज्ञप्ति देना ।
- शॉट फायरर की परीक्षा लेना और फिर अनुमति पत्र देना ।
- अनेक नियमों के अंतर्गत होने वाले कार्याें का निरीक्षण ।
- जहाँ भी जनकल्याण के लिए आवश्यक हो नियमों में संशोधन करना व छुट को मान्यता देना ।
- विस्फोटक तथा अन्य खतरनाक वस्तुओं का पता लगवाने/सुरक्षित तरिके से संभालने के लिए पुलिस बल, सुरक्षा बल तथा अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण देना ।
- बन्दरगाह, विमानतल और रेल्वे अधिकारियों को निम्नलिखित पर सलाह देना :
- खतरनाक वस्तुओं का भंडारण/परिवहन के लिए पैकिंग व शर्ते ।
- संकटमय वस्तुओं का वर्गीकरण
- विस्फोटकों को लादने/उतारने और परिवहन की सुविधाओं के लिए स्थान, विस्फोटक, ज्वलनशील एवं अन्य खतरनाक पदार्थों के ट्रांजिट भंडारण के लिए स्थान का चयन ।
- खतरे के वर्गीकरण के लिए विस्फोटक/संकट पूर्व वस्तुओं की जाँच/परीक्षण ।
- उपर वर्णित अधिनियमों और नियमों से सम्बन्धित खतरनाक पदार्थो, विस्फोटक, ज्वलनशील व अन्य खतरनाक वस्तुओं के मामले में केन्द्र व राज्य सरकार, उद्योग और अन्य संगठनों को सलाह देना।
- रक्षा मंत्रालय, भारतीय मानक संस्थान (बी.आई.एस.) और अन्य मंत्रालयों व विभागों द्वारा नियुक्त अनेक समीतियों में बतौर अध्यक्ष या सदस्य के रूप में भाग लेना ।
- खतरनाक रसायनों को सुरक्षित तरिके से संभालने, पेट्रोलियम, उत्पाद, विस्फोटक तथा संपीडीत गैसों से सम्बन्धित अनेक संगठनों द्वारा आयोजित सिंपोजियम्स, सेमिनार और कार्यशालाओं में भाग लेना ।
- उद्योगों की तरक्की के कारण इस विभाग की गतिविधिया अत्याधिक प्रमाण में बढ गई है । पहले देश की विस्फोटको और पेट्रोलियम की जरूरतो को आयात द्वारा पूरी की जाती थी । मगर आज पेट्रोलियम परिष्करण शालाओं तथा उद्योगीक विस्फोटक निर्माण करने वाले कारखानों की संख्या में बढोतरी, दाबपात्र और गैस सिलेण्डरों को सम्मिलित करने वाले नये नियमों के आने से विभाग द्वारा अनुज्ञप्ति/अनुमोदन प्राप्त ईकाईयों की संख्या में भारी बढोत्तरी हो गई । विभाग पर्यावरण तथा वन मंत्रालय को उनके पर्यावरण प्रदूषण और विषैली तथा खतरनाक रसायनों से होने वाले हानि के बारे में नियंत्रण के लिये मार्गदर्शन/विनियम बनाने के प्रयासों में नियमित योगदान करता है ।
- विस्फोटक विभाग, अपनी तरह का एक ही विभाग है जो सीधे इतने सारे इकाईयों की सुरक्षा की आवश्यकताओं पर गौर रखता है, विभिन्न प्रकार की खतरनाक वस्तुओं का प्रबन्ध कर और अनेकों निजी क्षेत्र व मंत्रालय व स्वयं संचालित को मिलाकर सार्वजनिक संस्थाओं को तकनीकी और सुरक्षा संबंधी ज्ञान प्रदान करता है ।